चित्र गूगल से साभार |
आजकल टी वी ,समाचार पत्रों में धारा ३७० छाया हुआ है | हर कोई अपना अपना मत व्यक्त कर रहा है | चचाएँ हो रही है | कोई कहा रहा है ,"संविधान के अनुसार राष्ट्रपति अध्यादेश द्वारा इस धारा को हटा सकता है |" दूसरा कहता है ," केवल कोन्स्तितुएन्त एसेम्ली ही इसको हटा सकती है परन्तु वह तो अस्तित्व में नहीं है ,अत:इस धारा को हटाया नहीं जा सकता है |" नव निर्वाचित नरेन्द्र मोदी सरकार के एक मंत्री इस विषय पर वयान देकर इसे विवाद का विषय बना दिया है |
नरेन्द्र मोदी सरकार महंगाई ,विकास ,सुशासन और भ्रष्टाचार उन्मूलन को मुद्दा बनाकर सत्तारुड हुआ है | इसीलिए सरकार को सबसे पहले इन्ही मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए और उपयुक्त कदम उठाना चाहिए जिस से अनियंत्रित महंगाई का मार झेल रही जनता को महंगाई से यथा संभव मुक्ति का एहसास हो | छोटे बड़े सभी कर्मचारी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं | बिना रिश्वत कोई काम नहीं होता ,जनता उनसे त्रस्त हैं |इसीलिए मोदी सरकार को धारा ३७० के बजाय भ्रष्टाचार उन्मूलन ,विकास और महंगाई नियंत्रण को प्राथमिकता देना चाहिए और काम ऐसा करे कि १०० दिन में उसका असर नजर आने लगे |धारा ३७० के झगडे में पड़कर ना जनता का, ना सरकार का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने की कोशिश करे |अच्छा यही होगा कि एक कानूनी सलाहकार समिति बनाकर धारा ३७० को उसके हवाले कर दिया जाय जो उसके बारीकियों और प्रासांगिकता पर विचार कर जनता के सामने रख सके कि उसके रहने से जम्मु-काश्मिर और पुरे भारत को क्या
फ़ायदा और नुक्सान होगा और हटाने से क्या परिणाम होगा | दोनों पहलुओं का परिणाम स्पष्ट रूप में जनता को बताया जाय ,विशेषत: इसको हटाने पर जम्मू काश्मीर के जनता को क्या फ़ायदा होने वाला है | यदि उनका फ़ायदा ज्यादा होता है,विकास का रास्ता खुलता है तो यह बात को यदि सही ढंग से उन तक पहुंचाया जाता है तो झगडा शायद समाप्त हो जायेगा | आज सब विकास चाहते है | समिति का रिपोर्ट आने तक कोई मंत्री उसपर कुछ ना बोले |तबतक सब अपना ध्यान महंगाई ,विकास ,भ्रष्टाचार ,कालाधन की वापसी आदि कार्यों में केन्द्रित करें |अपना वायदा पूरा करे |
पुरानी कांग्रेस सरकार जनता की इच्छा की कोई कदर नहीं की और संवेदन हीनता से जिस प्रकार जनलोकपाल और सिटिज़न चार्टर पर प्रतिक्रिया व्यक्त किया उससे जनता में यह सन्देश गया था कि यह सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने में लगी हुई है | इसका परिणाम सबके सामने है | धारा ३७० के वजह से यदि जनता में यह सन्देश गया कि यह मोदी सरकार इस धारा पर विवाद खड़ा कर जनता का ध्यान भ्रष्टाचार ,महंगाई ,विकास आदि से हटाना चाहती है तो यह मोदी सरकार के लिये अच्छा नहीं होगा | अत: प्राथमिकता के आधार पर जनता से किया गया वायदों को पूरा करने के लिए मोदी सरकार को कारगर कदम उठाना चाहिए जिससे महगाई कम हो ,भ्रष्टाचार कम हो ,विकास तेजी से हो ,महिलाओं में सुरक्षा की भावना बढे ,युवाओं को रोजगार मिले ,किसान को फसल का उचित दाम मिले ,मजदूर को इज्जत से जीने लायक मजदूरी मिले| देश के विकास का रास्ता उद्योग ही प्रसस्त करता है परन्तु उद्योग मजदूरों पर निर्भर है ,इसीलिए मजदूरों का हित का ख्याल रखना अत्यंत आवश्यक है |
सरकारी गोदामों में गेहू ,चावल एवं अन्य अनाज सड़ रहे हैं ,इन अनाजों की सुरक्षा और वितरण की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है| मोदी सरकार का प्रथम कदम सराहनीय है कि वह काले धन की वापसी के लिए एस आई टी गठन किया है | देखना है इसका नतीजा क्या आता है ! सरकार कमजोर लोकपाल को सुधर कर मजबूत लोकपाल लाने के लिए भी कदम उठाये ! सी बी आई को भी सरकारी नियंत्रण से निकालकर उसे स्वायत्त संस्था (Autonomous Body ) बना देंना चाहिये जिससे वह निष्पक्ष होकर काम कर सके |
मोदी सरकार के सामने जनहित के अपार कार्य लंबित है | पहले उन पर ध्यान दें, न कि धारा३७०,,मंदिर या मस्जिद | इन विवादों को वार्तालाप ,सहमति और धीरज से हल किया जाना चाहिए |
कालीपद "प्रसाद "
9 टिप्पणियां:
सही कह रहे है....
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स्पष्ट सोच के साथ बेबाक आकलन ! विचारणीय आलेख !
Prabhavshaali!
किसी भी विषय पे चर्चा होने में कोई बुराई नहीं है ... चर्चा का मतलब ध्यान भटकना तो नहीं हो सकता ... किसी भी समाज में विविध चर्चाएँ होते रहना उसके वाइब्रेंट होने का प्रतीक है ...
सराहणीय विचार और बेबाक लेखन के साथ प्रस्तुति !!
निर्भीक हो कर लिखा गया आर्टिकल बढ़िया है |अच्छा मुद्दा उठाया है |
बढ़िया सवाल उठाती पोस्ट।
Raised good question.
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