जब से नरेन्द्र मोदी प्रधान मंत्री बने तब से जो भी कदम उठाये ,वे सब जन विरोधी कार्य साबित हुए ,जैसे रेल का किराया बढ़ाना ,डीज़ल /पेट्रोल का भाव बढ़ाना ,प्याज जैसे आवश्यक वस्तु भाव बढ़ना इत्यादि |इन सबसे यही लगने लगा था कि सरकार चाहे कांग्रेस का हो या बी जे पी के ,हर सरकार जन विरोधी है | उनका काम केवल जनता से वादा करना और उनको बेवकूफ़ बनाना है | उनका मुक्य उद्येश्य होता है सत्ता हासिल करना और उद्योगपतियों के हित की रक्षा करना क्योंकि उन्ही से पार्टियों को चुनाव के लिए धन मिलता है |सरकार का हर निर्णय सीधा या परोक्षरूप में उन्ही के हित में होता है ! लेकिन गणेश चतुर्थी के अवसर पर एक सुखद आश्चर्य देश के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के "प्रधान मंत्री जन -धन " योजना के माध्यम से आया | शायद गणपति जनता से खुश हुए | गण -जनता , पति -स्वामी ,जनता के स्वामी -गणपति ने अपने जन्मदिन के अवसर पर ,जन अधिपति अर्थात प्रधान मंत्री के माध्यम से सबसे गरीब जनता को एक तोहफा दिया है "प्रधान मंत्री जन -धन " योजनाके रूप में ! सबसे कमजोर समझे जाने वाले वर्ग के लिए यह खुश खबर है ! इस योजना के माध्यम से १५ करोड़ लोगो को फायदा पहुचाने का लक्ष है| ये लोग बैंक खता खोलने की बात कभी स्वप्न में भी सोच नहीं सकते थे | इस योजना के माध्यम से न केवल बैंक खता खोल सकते हैं अपितु उन्हें एक लाख रुपये दुर्घटन -बिमा भी मिलेगा |
इस योजना के अंतर्गत "जीरो बैलेंस "पर खाता खोला जा सकता है और ५००० रूपये तक ऋण लिया जा सकता है |छोटे मोटे काम करने वालों के लिए यह राशि मददगार साबित हो सकता है|इस योजना के अंतर्गत खाता खोलने पर कई लाभ हैं ,जैसे :-
१. १००००० रुपये का दुर्घटना -बीमा
२ .५००० रुपये का ऋण
३ सरकारी सहायता //लाभ सीधा लाभार्थ के खाते में ट्रान्सफर किया जा सकता है
४. दलाल या एजेंट से मुक्ति
५ विद्धावस्था पेंशन सीधा अकाउंट ट्रान्सफर किया जा सकता है
यह वास्तव में एक जन-हितकारी कार्य है परन्तु देखना यह है कि सरकारी तंत्र एवं बैंक कहाँ तक इस योजना को सफल बनाने में सहयोग करते है और इनके असहयोग की दशा में मोदी सरकार योजना को कैसे सफल बनाता है |
कालीपद 'प्रसाद "
इस योजना के अंतर्गत "जीरो बैलेंस "पर खाता खोला जा सकता है और ५००० रूपये तक ऋण लिया जा सकता है |छोटे मोटे काम करने वालों के लिए यह राशि मददगार साबित हो सकता है|इस योजना के अंतर्गत खाता खोलने पर कई लाभ हैं ,जैसे :-
१. १००००० रुपये का दुर्घटना -बीमा
२ .५००० रुपये का ऋण
३ सरकारी सहायता //लाभ सीधा लाभार्थ के खाते में ट्रान्सफर किया जा सकता है
४. दलाल या एजेंट से मुक्ति
५ विद्धावस्था पेंशन सीधा अकाउंट ट्रान्सफर किया जा सकता है
यह वास्तव में एक जन-हितकारी कार्य है परन्तु देखना यह है कि सरकारी तंत्र एवं बैंक कहाँ तक इस योजना को सफल बनाने में सहयोग करते है और इनके असहयोग की दशा में मोदी सरकार योजना को कैसे सफल बनाता है |
कालीपद 'प्रसाद "
2 टिप्पणियां:
आपका आभार कुलदीप ठाकुर जी
सुखद परिणाम आये तो बहुत अच्छा होगा ..गरीबों को बिना अड़ंगा के हक़ मिले यही सबकी सोच होनी चाहिए
..बहुत बढ़िया
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