जनता के लिए नहीं ,मैंने अपने लिए कहा था
|
कमल का फुल खिलेगा ,मैंने कहा था
जनता के लिए नहीं ,मैंने पार्टी के लिए
कहा था |
जनता के लिए नहीं ,मैंने नेताओं लिए कहा
था |
परिवर्तन लाभ का सौदा होगा ,मैंने कहा था
जनता के लिए नहीं ,मैंने साहूकारों लिए
कहा था |
रामराज्य लौट आएगा ,मैंने कहा था
जनता के लिए नहीं ,भ्रष्टाचारियों लिए कहा
था |
हर बात का गलत अर्थ निकाला ,जो मैंने कहा
था
जनता समझी अपने लिए,उनके लिए कुछ नहीं कहा
था |
कालीपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित
8 टिप्पणियां:
धन्यवाद राजेन्द्र कुमार जी |
सार्थक सामयिक लेखन।
बिल्कुल सही कहा आपने
बेहतरीन , आ. धन्यवाद !
Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
आपका आभार आशीष भाई \
इतनी निराशा ठीक नहीं..
बिल्कुल सही कहा आपने
अपसे सहमत हूं
एक टिप्पणी भेजें