अनुभूति में आपका स्वागत है|
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ना छन्द का ज्ञान ,ना गीत ,ना ग़ज़ल लिखता हूँ ............
दिल के आकाश में बिखरे बादलों को शब्द देता हूँ ..............
इसे जो सुन सके वो संवेदनशील प्रबुद्ध ज्ञानी हैं .............
विनम्र हो,झुककर उन्हें मैं नमन करता हूँ |
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