अनुभूति में आपका स्वागत है|
...................
ना छन्द का ज्ञान ,ना गीत ,ना ग़ज़ल लिखता हूँ ............
दिल के आकाश में बिखरे बादलों को शब्द देता हूँ ..............
इसे जो सुन सके वो संवेदनशील प्रबुद्ध ज्ञानी हैं .............
विनम्र हो,झुककर उन्हें मैं नमन करता हूँ |
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! -- आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (08-12-2013) को "जब तुम नही होते हो..." (चर्चा मंच : अंक-1455) पर भी होगी! -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
13 टिप्पणियां:
खुश रहिये जब तक सो रही है :)
शुभ दिवस :)
ध्यान में भी सजग हूँ ......:-)
बढ़िया -
आभार भाई जी-
मस्त है ...
badhiya...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (08-12-2013) को "जब तुम नही होते हो..." (चर्चा मंच : अंक-1455) पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार शास्त्री जी !
सुन्दर हाइगा. बधाई.
सुन्दर........
बहुत सुन्दर हाइगा. बधाई.
बहुत उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
नयी पोस्ट@ग़ज़ल-जा रहा है जिधर बेखबर आदमी
प्रोत्साहन के लिए आप सबका आभार !
एक टिप्पणी भेजें