केंद्रीय विद्यालय की स्थापना पंद्रह दिसम्बर उन्नीश सौ तिरसठ को हुआ था . पहले इसका नाम था 'सेंट्रल स्कूल " और संस्था को आर्गेनाईजेशन कहते थे। .बाद में उन्नीस सौ पैंसठ में इसका नाम " केंद्रीय विद्यालय" रखा गया। केंद्रीय विद्यालय संगठन का स्वर्ण जयंती मनाया जा रहा है , मेरी तरफ से संगठन के सभी विद्यार्थी ,शिक्षक ,प्राचार्य ,कर्मचारी एवं आफिसर्स को हार्दिक सुभकामनाएँ।
केंद्रीय विद्यालय
विद्या का आलय
शिक्षा के क्षेत्र में शिखर है
सूरज सा देदिप्तामान है
जैसा शिखर हिमालय।
पन्द्रह दिसम्बर ,
सन उन्नीश सौ तिरसठ
प्रस्फूटित हुआ था एक बीज
लेकर कुछ किसलय ,
आज यह विशाल वट वृक्ष है
फल, फुल पत्ते ,साखा ,जट्मुल का संगठन ,
है यह केंद्रीय विद्यालय संगठन।
हर एक विद्यालय ,लघु भारत है
भारत का प्रतिरूप ,
विविधता में एकता है
विलकुल भारत का अनुरूप
सबको मुबारक हो स्वर्ण जयंती
जलती रहे के व्ही (KV) ज्ञानज्योति
प्रकाशित करती रहे जग को
अविनाशी ज्ञान के प्रकाश से
ज्ञान जो अनादि अनंत हो।
.....................................
हार्दिक अभिनन्दन के साथ
कालीपद मण्डल "प्रसाद"
(प्राचार्य .अवकाश प्राप्त
केंद्रीय विद्यालय देहु रोड -२ ,पुणे )
केंद्रीय विद्यालय
विद्या का आलय
शिक्षा के क्षेत्र में शिखर है
सूरज सा देदिप्तामान है
जैसा शिखर हिमालय।
पन्द्रह दिसम्बर ,
सन उन्नीश सौ तिरसठ
प्रस्फूटित हुआ था एक बीज
लेकर कुछ किसलय ,
आज यह विशाल वट वृक्ष है
फल, फुल पत्ते ,साखा ,जट्मुल का संगठन ,
है यह केंद्रीय विद्यालय संगठन।
हर एक विद्यालय ,लघु भारत है
भारत का प्रतिरूप ,
विविधता में एकता है
विलकुल भारत का अनुरूप
सबको मुबारक हो स्वर्ण जयंती
जलती रहे के व्ही (KV) ज्ञानज्योति
प्रकाशित करती रहे जग को
अविनाशी ज्ञान के प्रकाश से
ज्ञान जो अनादि अनंत हो।
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हार्दिक अभिनन्दन के साथ
कालीपद मण्डल "प्रसाद"
(प्राचार्य .अवकाश प्राप्त
केंद्रीय विद्यालय देहु रोड -२ ,पुणे )