रविवार, 5 अगस्त 2012
7 टिप्पणियां:
- S.N SHUKLA ने कहा…
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सुन्दर सृजन , बधाई.
कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें , आपके स्नेह और समर्थन की प्रतीक्षा है . - शुक्रवार, अगस्त 17, 2012 12:12:00 pm
- रश्मि प्रभा... ने कहा…
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तुम अपने दिल की नज़र कमजोर मत करो
दूर द्रष्टा बनो , उदार बनो
जाति ,धर्म की दूरी को दूर करो ,
कल्पना की उड़ान से प्रेरणा लो
सुनीता के संकल्पों को चुन लो
तुम भी विचरण करोगे चाँद सितारों में
सफ़लता तुम्हारे चरण चूमेगी
मंजिल तम्हारे पास आयगी
मंजिल तुम्हे मिल जायगी।"
behtareen seekh - शनिवार, अगस्त 18, 2012 2:41:00 pm
- Satish Saxena ने कहा…
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वाह ...
आभार एक सुंदर रचना के लिए ! - रविवार, अगस्त 19, 2012 10:22:00 pm
- Unknown ने कहा…
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संदेश देती सुंदर रचना |
मेरी रचना देखे |
मेरा काव्य पिटारा:तुम्ही प्रेरणा हो - रविवार, सितंबर 09, 2012 2:41:00 pm
- Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…
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waah bahut hi inspirational...rachna ....
- मंगलवार, सितंबर 11, 2012 7:41:00 pm
- संजय भास्कर ने कहा…
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सुंदर रचना
अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर....आपकी रचनाएं पढकर और आपकी भवनाओं से जुडकर....
- रविवार, सितंबर 23, 2012 9:41:00 am
- संजय भास्कर ने कहा…
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आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी......आपको फॉलो कर रहा हूँ |
कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
http://sanjaybhaskar.blogspot.in - रविवार, सितंबर 23, 2012 9:43:00 am
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