१
वर्षा के बुँदे
रिम झिम बरसे
सावन भादों।
२
२
मेघ में छुपे
सूरज गगन में
अँधेरी धरा।
३
३
काले बादल
बूंद बूंद बरसे
बादल रोया।
४
४
हरित घास
हरीभरी धरती
हरा है खेत।
५
५
नया कोंपल
हरा हरा पातल
हरा पादप।
६
६
सी -सी झिंगुर
टर-टर मेंढक
गीत मधुर ।
खुश नहीं भू
दुराचारी नर से
खपा प्रकृति।
७
७
कहीं तूफान
कही पर अकाल
इंद्र की मर्जी।
८
८
धुप गायब
पवन का प्रकोप
जीवन ठप्प।
९
९
टुटा छप्पर
बारिश निरंतर
भीगे सामान।
१०
१०
११
भीषण बाढ़
सड़क बनी नदी
घर में पानी।
१२
बेहाल नर
अभूत बरबादी
पुकारे त्राहि।
और ना बर्षो
रुक जाओ बादल
दुखी ना करो।
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कालीपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित
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कालीपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित