मेरी माँ ने कहा !
पढाई समाप्त कर नौकरी के लिए
घर छोड़ जब शहर के लिए था निकलना ....
मेरी माँ ने मुझ से कहा बेटा!
एक बात मेरी तुम गाँठ बांध रखना।
दुनियां में अच्छे लोग है कम ,
शैतान हैं ज्यादा ,
अच्छों के साथ करना दोस्ती ,
शैतानों से तुम हमेशा बचके रहना।
शैतानों को पहचानना मुश्किल है
ये अच्छों का मुखौटा पहनकर घूमते हैं
जरुरत से ज्यादा मीठी मीठी बाते करते हैं ,
बातों बातों में ही मन मोह लेते हैं।
धीरे धीरे नज़दीक आते है
मित्रता की झूठी ढ़ोंग रचाते हैं
अपनी नकली भेद बताकर तुम्हे
तुमसे तुम्हारा असली भेद ले जाते हैं।
पहले भेद लेते हैं फिर पीछे से वार करते हैं
दोस्ती का कोई मूल्य नहीं उनके पास
जान लेने में भी नहीं हिचकते हैं।
दोष गुण जैसा भी हो तुम्हारा
खरी खरी बोले जो मुहं पर तुम्हारा
चाहे तुम्हे अच्छा लगे या बुरा
दोस्ती तुम उन्ही से ही करना।
दोष को छुपाकर जो झूठे तारीफ़ करे तुम्हारा
मीठी मीठी बाते कर जो मन बहलाए तुम्हारा
उनलोगों से तुम हमेशा कुछ दूर रहना
उनसे कभी दोस्ती का हाथ ना बढ़ाना।
शैतान लोगों का पहचान जानो ,यही
सावधान रहना ,इनके चंगुल में कभी फंसना नहीं।
कालीपद "प्रसाद "
©सर्वाधिकार सुरक्षित
पढाई समाप्त कर नौकरी के लिए
घर छोड़ जब शहर के लिए था निकलना ....
मेरी माँ ने मुझ से कहा बेटा!
एक बात मेरी तुम गाँठ बांध रखना।
दुनियां में अच्छे लोग है कम ,
शैतान हैं ज्यादा ,
अच्छों के साथ करना दोस्ती ,
शैतानों से तुम हमेशा बचके रहना।
शैतानों को पहचानना मुश्किल है
ये अच्छों का मुखौटा पहनकर घूमते हैं
जरुरत से ज्यादा मीठी मीठी बाते करते हैं ,
बातों बातों में ही मन मोह लेते हैं।
धीरे धीरे नज़दीक आते है
मित्रता की झूठी ढ़ोंग रचाते हैं
अपनी नकली भेद बताकर तुम्हे
तुमसे तुम्हारा असली भेद ले जाते हैं।
पहले भेद लेते हैं फिर पीछे से वार करते हैं
दोस्ती का कोई मूल्य नहीं उनके पास
जान लेने में भी नहीं हिचकते हैं।
दोष गुण जैसा भी हो तुम्हारा
खरी खरी बोले जो मुहं पर तुम्हारा
चाहे तुम्हे अच्छा लगे या बुरा
दोस्ती तुम उन्ही से ही करना।
दोष को छुपाकर जो झूठे तारीफ़ करे तुम्हारा
मीठी मीठी बाते कर जो मन बहलाए तुम्हारा
उनलोगों से तुम हमेशा कुछ दूर रहना
उनसे कभी दोस्ती का हाथ ना बढ़ाना।
शैतान लोगों का पहचान जानो ,यही
सावधान रहना ,इनके चंगुल में कभी फंसना नहीं।
कालीपद "प्रसाद "
©सर्वाधिकार सुरक्षित
27 टिप्पणियां:
अनुभवी एवँ ममतामयी माँ की बढ़िया सीख ! सुंदर प्रस्तुति !
सुंदर सीख माँ की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .......!!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बुधवार (03-07-2013) को बुधवारीय चर्चा --- १२९५ ....... जीवन के भिन्न भिन्न रूप ..... तुझ पर ही वारेंगे हम ....में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सच कहा था माँ ने !
मां ने सही कहा था ..
मंगलकामनाएं !
खूबसूरत , सुंदर अभिव्यक्ति
माँ नें सही कहा था !!
ma ki sikh bahut acchi hai ...
माँ की सच्ची सीख
sacchi aur kam ki seekh
बहुत सुंदर रचना
बहुत सुंदर
TV स्टेशन ब्लाग पर देखें .. जलसमाधि दे दो ऐसे मुख्यमंत्री को
http://tvstationlive.blogspot.in/
माँ जानती है बच्चों का ख्याल रखना .. समय समय पे उन्हें गलत सही की पहचान कराना ... भावमय रचना ...
माँ की सीख हमेशा सही होती है..बहुत सार्थक प्रस्तुति...
माँ के सीख का सुंदर सृजन,बहुत उम्दा प्रस्तुति,,,
RECENT POST: जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें.
आपका आभार मयंक जी
आपका आभार राजेंद्र कुमार जी
बेटा मत फंसना कभी, भरे पड़े शैतान ।
तान रहे शैतान पर, बन कर के इंसान ।
बन कर के इंसान, मुखौटे तरह तरह के ।
अगर ज़रा दो ध्यान, पास में अपने रह के ।
कर परोक्ष नुकसान, दबा देते हैं *टेटा ।
माँ का था अरमान, करे क्या लेकिन बेटा ॥
दोष गुण जैसा भी हो तुम्हारा
खरी खरी बोले जो मुहं पर तुम्हारा
चाहे तुम्हे अच्छा लगे या बुरा
दोस्ती तुम उन्ही से ही करना।
दोष को छुपाकर जो झूठे तारीफ़ करे तुम्हारा
मीठी मीठी बाते कर जो मन बहलाए तुम्हारा
उनलोगों से तुम हमेशा कुछ दूर रहना
ह्रदय को छू गयीं .. सुन्दर!
आभार रविकर जी !
अनुकरणीय सीख...
माँ ने जो कहा सच कहा और सच रहेगा भी ..
शुभकामनायें !
माँ की सुन ले तो बेटे का जन्म सुधरा रहे!
बहुत सुन्दर ,कहने की गुस्ताखी करूंगा,---
माँ की बातें बहुत ही सच्ची ,लगती बहुत ही अच्छी
.पर कहाँ कहाँ मैं बचूंगा मत ये बात तो कहती.
जगह जगह पर खोद रखे इन बेशर्मों ने गड्ढे,
कहीं नं कहीं तो गर्दन डालेगा बना दो इतने फंदे.
शतरंज के इस खेल में अब दुष्ट हो गए ज्यादा,
चोर उच्ह्के मीर बन गए सज्जन बन गए प्यादा.
आपका ह्रदय से आभार !
माँ की सच्ची सीख
माँ की बहुत सुंदर सीख
बहुत-बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
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