मंगलवार, 18 दिसंबर 2012

केंद्रीय विद्यालय, स्वर्ण जयन्ती

 केंद्रीय विद्यालय की स्थापना पंद्रह दिसम्बर उन्नीश सौ तिरसठ को हुआ था . पहले इसका  नाम था 'सेंट्रल स्कूल " और संस्था को आर्गेनाईजेशन कहते थे। .बाद में उन्नीस सौ  पैंसठ में  इसका नाम " केंद्रीय विद्यालय" रखा गया।  केंद्रीय विद्यालय संगठन का स्वर्ण जयंती मनाया  जा रहा है , मेरी तरफ से संगठन के सभी विद्यार्थी ,शिक्षक ,प्राचार्य ,कर्मचारी एवं आफिसर्स को हार्दिक सुभकामनाएँ।




 केंद्रीय विद्यालय
 विद्या का आलय
शिक्षा के क्षेत्र में शिखर है
सूरज सा देदिप्तामान है
जैसा शिखर हिमालय।
पन्द्रह दिसम्बर ,
सन उन्नीश सौ तिरसठ 
प्रस्फूटित हुआ था एक बीज
लेकर कुछ किसलय ,
आज यह विशाल वट वृक्ष है
फल, फुल  पत्ते ,साखा ,जट्मुल का संगठन  ,
है यह   केंद्रीय विद्यालय संगठन।

हर एक विद्यालय ,लघु भारत है
भारत का प्रतिरूप ,
विविधता में एकता है
विलकुल भारत का अनुरूप

सबको मुबारक हो स्वर्ण जयंती
जलती रहे के व्ही (KV) ज्ञानज्योति
प्रकाशित करती रहे जग को
अविनाशी ज्ञान के प्रकाश से
ज्ञान जो अनादि अनंत हो।
.....................................
हार्दिक अभिनन्दन के साथ
कालीपद मण्डल  "प्रसाद"
(प्राचार्य .अवकाश प्राप्त
केंद्रीय विद्यालय देहु रोड -२ ,पुणे )

7 टिप्‍पणियां:

virendra sharma ने कहा…

Good remembrance sir .Good poetic tribute .Thanks for your comments,transliteration service is down .

virendra sharma ने कहा…

ये सारे कर्म काण्ड दीपक जलाना ,गंगा में बहाना विरेचन करते हैं भाव का अनुभाव का .व्यक्ति को मुक्त करते हैं मोह पाश से .कायिक प्रेम से आत्मा सूक्ष्म तत्व है वायुवीय प्रेम की तरह .

Madan Mohan Saxena ने कहा…

बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति
नब बर्ष (2013) की हार्दिक शुभकामना.

मंगलमय हो आपको नब बर्ष का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
इश्वर की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार.

संजय भास्‍कर ने कहा…

सार्थक प्रस्तुति

Asha Lata Saxena ने कहा…


सहज अभिव्यक्ति |उम्दा रचना |
आशा

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

टिप्पणी के लए आभार

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

टिप्पणी के लए आभार
आपको भी नव वर्ष की शुभकामनायें