१
वर्षा के बुँदे
रिम झिम बरसे
सावन भादों।
२
२
मेघ में छुपे
सूरज गगन में
अँधेरी धरा।
३
३
काले बादल
बूंद बूंद बरसे
बादल रोया।
४
४
हरित घास
हरीभरी धरती
हरा है खेत।
५
५
नया कोंपल
हरा हरा पातल
हरा पादप।
६
६
सी -सी झिंगुर
टर-टर मेंढक
गीत मधुर ।
खुश नहीं भू
दुराचारी नर से
खपा प्रकृति।
७
७
कहीं तूफान
कही पर अकाल
इंद्र की मर्जी।
८
८
धुप गायब
पवन का प्रकोप
जीवन ठप्प।
९
९
टुटा छप्पर
बारिश निरंतर
भीगे सामान।
१०
१०
११
भीषण बाढ़
सड़क बनी नदी
घर में पानी।
१२
बेहाल नर
अभूत बरबादी
पुकारे त्राहि।
और ना बर्षो
रुक जाओ बादल
दुखी ना करो।
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कालीपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित
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कालीपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित
30 टिप्पणियां:
सुन्दर !!
बेहतरीन हाइकू ... वर्षा को बांधते हुए ...
बहुत सुन्दर
बेहतरीन
bahut bahut sundar hiku..
बहुत बढिया सभी हाइकू बहुत सुन्दर है.....
वाह बहुत खूबसूरत हाइकु
सुन्दर तसवीरें और रचना (हाइकू )|
आशा
भीषण बाढ़
सड़क बनी नदी
घर में पानी।
THIRTEEN BEAUTIFUL HAIGA BASED ON NATURE AND RAIN WITH NICE PHOTOGRAPHS THANKS
खुश नहीं भू
दुराचारी नर से
खपा प्रकृति।
बहुत खूब !
बहुत सुंदर...
Bahut Sunder Haiku....
बेहाल नर
अभूत बरबादी
पुकारे त्राहि।..... behtareen
ख़ूबसूरत हाइकु...
Bahut sundar prastuti
Bahut sundar prastuti
हाइकुओं की सुंदर वर्षा;-))बधाई....
सादर
सारिका मुकेश
वर्षा के विभिन्न रूप..
बहुत बढिया
बेहतरीन सभी हाइकू
बेहतरीन,बहुत सुंदर हाइकू
वर्तमान का आईना दिखाते बहुत ही बढ़िया हाइकु...
sundar prastuti .. subhkamnaye :)
कहीं तूफान
कही पर अकाल
इंद्र की मर्जी।
एक से बढ़कर एक हायकू!
sabhee haykoo shandaar ...saadar badhaayee ke sath
विभिन्न चित्र खींचते हाइकु!
सार्थक हाइकु
sundar prastutikaran badhai
सार्थक हाइकु
एक से बढ़कर एक हाइकु
आनंद आ गया
सभी हाइकू बहुत ही अच्छे लगे। सुंदर चित्रों ने इसे हाइगा बना दिया।
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